Main To Aarti Utaru Re Santoshi Mata Ki…..| Jay jay Santoshi Mata jay jay man…शुक्रवार संतोषी माता की आरती PDF | शुक्रवार को माँ संतोषी के भक्त माता की पूजा अर्जना करते हैं। जिनका व्रत होता है। वे व्रत कथा पड़ते हैं। जबकि कुछ लोग सुबह -शाम को संतोषी माता की आराधना में आरती करते हैं। यदि आप शुक्रवार की आरती यानी संतोषी माता आरती PDF डाउनलोड करना चाहते हैं। तो नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करने। यदि आपको Santoshi Mata Aarti के साथ व्रत विधि (puja vidhi) भी के बारे में जानकारी लेनी है। तो आप इस लेख को ध्यान से अंत तक देख सकते हैं।
शुक्रवार संतोषी माता आरती PDF Download
Subject | Aarti (Jay jay Santoshi Mata jay jay man) |
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Category | General |
Aarti Year | 2022 |
PDF Status | Available |
Language in Hindi | शुक्रवार संतोषी माता आरती |
Latest | Update |
Variety | Aarti |
Post By | Author |
Process | व्रत विधि (Puja Vidhi) |
Website | Click Here |
Download संतोषी माता की आरती PDF |
संतोषी माता आरती Download
जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता।
अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।।
जय सन्तोषी माता….
सुन्दर चीर सुनहरी मां धारण कीन्हो।
हीरा पन्ना दमके तन श्रृंगार लीन्हो ।।
जय सन्तोषी माता….
गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे।
मंद हंसत करुणामयी त्रिभुवन जन मोहे ।।
जय सन्तोषी माता….
स्वर्ण सिंहासन बैठी चंवर दुरे प्यारे।
धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे।।
जय सन्तोषी माता….
गुड़ अरु चना परम प्रिय ता में संतोष कियो।
संतोषी कहलाई भक्तन वैभव दियो।।
जय सन्तोषी माता….
शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोही।
भक्त मंडली छाई कथा सुनत मोही।।
जय सन्तोषी माता….
मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई।
बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई।।
जय सन्तोषी माता….
भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै।
जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै।।
जय सन्तोषी माता….
दुखी दारिद्री रोगी संकट मुक्त किए।
बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिए।।
जय सन्तोषी माता….
ध्यान धरे जो तेरा वांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो।।
जय सन्तोषी माता….
चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे।
संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे।।
जय सन्तोषी माता….
सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे।।
जय सन्तोषी माता….
संतोषी माता व्रत पूजा (पूजन) विधि
- सूर्योदय से पहले उठकर घर की सफ़ाई इत्यादि पूर्ण कर लें.
- स्नानादि के पश्चात घर में किसी सुन्दर व पवित्र जगह पर माता संतोषी की प्रतिमा या स्थापित करें.
- मां संतोषी के संमुख एक कलश जल भर कर रखें. कलश के ऊपर एक कटोरा भर कर गुड़ व चना रखें.
- माता के समक्ष एक घी का दीपक जलाएं.
- माता को अक्षत, फ़ूल, सुगन्धित गंध, नारियल, लाल वस्त्र या चुनरी अर्पित करें.
- मां संतोषी को गुड़ व चने का भोग लगाएँ.
- संतोषी माता की जय बोलकर माता की कथा आरम्भ करें.